Smartworks Coworking एक भारत-आधारित कंपनी है जो बड़े स्तर पर flexible office spaces और coworking solutions प्रदान करती है। यह कंपनी प्रमुख रूप से बड़े कॉर्पोरेट्स और बिजनेस हाउस को सेवाएं देती है। अब यह कंपनी IPO (Initial Public Offering) के ज़रिए पब्लिक से पैसे जुटा रही है ताकि अपने बिज़नेस का विस्तार कर सके और कुछ कर्ज चुका सके।
IPO की तारीखें और कीमत
Smartworks Coworking का IPO 10 जुलाई 2025 को खुला और 14 जुलाई को बंद हुआ। इस IPO का प्राइस बैंड ₹387 से ₹407 प्रति शेयर तय किया गया था। यह इशू पूरी तरह से Book Built Issue था जिसमें लगभग ₹582 करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया।
Issue Structure: कितने शेयर और किस फॉर्मेट में?
IPO दो हिस्सों में बटा है:
- Fresh Issue: ₹445 करोड़ के नए शेयर
- Offer for Sale (OFS): ₹137 करोड़ तक के मौजूदा शेयरधारकों द्वारा शेयर बेचे गए
इसका मतलब यह है कि कंपनी को ताजा पूंजी मिलेगी और कुछ मौजूदा निवेशकों को एग्ज़िट भी मिलेगा।
IPO से मिलने वाले पैसे का क्या होगा उपयोग?
कंपनी ने साफ किया है कि IPO से मिले फंड का उपयोग मुख्य रूप से इन कामों में किया जाएगा:
- कुछ पुराने कर्ज चुकाना
- नए ऑफिस स्पेस के लिए रेंटल डिपॉजिट देना
- मौजूदा ऑफिस स्पेस के लिए fit-out और इंटीरियर खर्च
- सामान्य कॉर्पोरेट कामकाज के लिए पूंजी

Smartworks का बिजनेस मॉडल
Smartworks एक managed office solutions देने वाली कंपनी है। यह कंपनियों को पूरी तरह से तैयार और कस्टमाइज़्ड ऑफिस स्पेस प्रदान करती है। भारत के 15 से ज़्यादा शहरों में इसके 50 से अधिक सेंटर हैं और 180,000 से ज़्यादा सीट्स की क्षमता है। इसके क्लाइंट्स में Google, Accenture, Tata, L&T, HDFC Bank जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
कंपनी के वित्तीय आँकड़े
Smartworks का रेवेन्यू काफी तेज़ी से बढ़ा है लेकिन कंपनी अब भी घाटे में है:
- Revenue FY23: ₹711 करोड़
- Revenue FY24: ₹1,374 करोड़ (लगभग 93% ग्रोथ)
- EBITDA: ₹172 करोड़ (Positive)
- Net Loss: ₹63 करोड़ (Lease liability और depreciation के कारण)
यह साफ है कि कंपनी की ऑपरेशनल efficiency बढ़ रही है लेकिन भारी lease खर्चों के कारण नेट प्रॉफिट में अभी समय लगेगा।
Subscription Status: निवेशकों का रिस्पॉन्स कैसा रहा?
IPO को निवेशकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला। रिटेल इनवेस्टर्स ने इसे पूरा भर दिया और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की तरफ से भी अच्छी मांग देखी गई। हालांकि QIB (Qualified Institutional Buyers) का रिस्पॉन्स पहले दो दिनों तक धीमा था, आखिरी दिन तक उन्होंने भी भरपूर निवेश किया।
Grey Market Premium (GMP) क्या चल रहा है?
IPO के समय Smartworks का GMP ₹18–₹20 तक देखा गया, जो दर्शाता है कि निवेशक इस स्टॉक में listing gains की उम्मीद कर रहे थे। GMP यानी grey market में मिलने वाला प्रीमियम, यह दिखाता है कि स्टॉक की listing price IPO प्राइस से ऊपर हो सकती है।
Smartworks IPO के फायदे
- कंपनी का बिजनेस मॉडल आने वाले समय में काफी मांग में रहेगा क्योंकि ज्यादा कंपनियां remote या flexible work को अपना रही हैं।
- इसके पास premium clients हैं जैसे Google और L&T, जो इसे स्थिरता देते हैं।
- रेवेन्यू में तेज़ बढ़त दिखाई गई है, जो निवेशकों के लिए पॉजिटिव संकेत है।
Smartworks IPO में जोखिम
- कंपनी का heavy lease model है यानी हर ऑफिस के लिए भारी किराया और मेंटेनेंस खर्च।
- अब तक कंपनी नेट प्रॉफिट में नहीं आई है।
- इस सेक्टर में बहुत सी कंपनियां competition में हैं जैसे WeWork, Awfis आदि।
क्या आपको Smartworks IPO में निवेश करना चाहिए?
अगर आप एक लॉन्ग टर्म निवेशक हैं और real estate + tech-enabled commercial business model में विश्वास रखते हैं, तो Smartworks एक संभावित ग्रोथ स्टोरी हो सकती है। हालांकि शॉर्ट टर्म के लिए यह थोड़ा रिस्की हो सकता है क्योंकि अभी कंपनी घाटे में है।
निष्कर्ष
Smartworks Coworking का IPO एक fast-growing कंपनी की पेशकश है जो आने वाले वर्षों में भारत के coworking space सेक्टर को lead कर सकती है। अगर कंपनी अपने lease खर्च को सही ढंग से manage कर लेती है और प्रॉफिट में आने लगती है, तो इसका शेयर लंबे समय में बहुत अच्छे रिटर्न दे सकता है।